मधुमेह या डायबिटीज आजकल की होने वाली आम बीमारियों में से एक है |
जिसमें व्यक्ति के ब्लड शुगर लेवल में बढ़ोतरी देखने को मिलती है। यह बीमारी शरीर के बहुत से हिस्सों को हानि पहुँचाती है, आँखें भी उनमें से एक है। शुगर की बीमारी में आपकी आँखों के पीछे मौजूद छोटी रक्त वाहिकाओं (ब्लड वेसेल्स) को नुकसान पहुंच सकता है। जिससे आपकी दृष्टि कमजोर हो सकती है। इसलिए बेहतर यह है कि आप समय-समय पर अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलें, जाँच कराएं और मधुमेह पर नियंत्रण रखें।
मधुमेह से होने वाले नेत्र रोग
मधुमेह मुख्यतः 3 तरह के नेत्र रोग का कारण बन सकता है।
1. मधुमेह संबंधी रेटिनोपैथी
इसे डायबिटिक रेटिनोपैथी भी कहा जाता है।
शुगर की बीमारी में रक्त में शर्करा की मात्रा अधिक हो जाने से यह आँखों की रेटिना के पीछे मौजूद रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। नतीजन, रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं या फिर असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं।
मधुमेह संबंधी रेटिनोपैथी 2 प्रकार के होते हैं
1. प्रारंभिक मधुमेह रेटिनोपैथी: इसे नॉन प्रोलिफरेटिव डायबिटिक रेटिनोपैथी (NPDR) कहा जाता है। इस अवस्था में रेटिना के पीछे की वाहिकाएं कमजोर होने लगती है और इनकी दीवारों पर उभार दिखने लगता है, जिनसे कभी-कभी रक्त या द्रव का रिसाव होता है।
2. उन्नत मधुमेह रेटिनोपैथी: इसे प्रोलिफेरेटिव डायबिटिक रेटिनोपैथी (PDR) के नाम से जाना जाता है। यह रेटिनोपैथी की और भी गंभीर अवस्था है, जिसमें रेटिना में मौजूद क्षतिग्रस्त रक्त वाहिकाएं अवरुद्ध हो जाती हैं जिससे अन्य नई वाहिकाओं का विकास होने लगता है. नई वाहिकाएं बहुत ही कमजोर और नाजुक होती हैं। पूरी तरह विकसित न हो पाने के कारण यह आँखों के मध्य में भरने वाले तरल पदार्थ पर रिसाव (leak) करने लगती है। रिसाव की गंभीर स्थिति में खून से आँख भर सकती है और यह काम दृष्टि का कारण बन सकता है।
2. ग्लूकोमा
आँखों में मौजूद
तंत्रिकाओं का समूह जो आँखों में बनने वाले चित्र को मस्तिष्क तक पहुँचाती है, उन्हे ऑप्टिक नर्व कहते है। मधुमेह के कारण यह क्षतिग्रस्त होने लगती है, जिससे व्यक्ति को स्पष्ट दिखाई देने में समस्या आती है।
3. मोतियाबिंद
मोतियाबिंद एक ऐसी स्थिति है |
जिसमें उम्र के साथ आँखों की लेंस धुंधली पड़ने लगती है। लेकिन मधुमेह होने पर यह समस्या कम उम्र में ही देखने को मिलता है। रक्त में शर्करा अधिक मात्रा में होने पर आँखों की लेंस पर प्रोटीन जमा होने लगता है। जिसके कारण रेटिना तक स्पष्ट चित्र नहीं पहुंच पाता है और आंखों की रोशनी कम होने लगती है।
मधुमेह संबंधी नेत्र रोग के लक्षण
मधुमेह संबंधी नेत्र
रोगों में शुरुआती दौर पर कोई लक्षण नजर नहीं दिखाई देते हैं, परंतु आँखों के अंदर धीरे-धीरे क्षति बढ़ने पर निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
आँखों में दर्द
धुंधली दृष्टि
दृष्टि हानि
खराब रंग दृष्टि
काले धब्बे दिखाई देना
प्रकाश की चमक
यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण नजर आते है तो तुरंत ही अपने नेत्र चिकित्सक से सम्पर्क करें ।
मधुमेह संबंधी नेत्र रोग का निदान
आँखों के परीक्षण के लिए डॉक्टर आपकी आँखों में आई ड्रॉप्स की कुछ बूंदें डालेंगे जिससे आपकी आँखों की पुतलियां फैल जाएंगी और डॉक्टर को परीक्षण करने में आसानी होगी।
दवा – डॉक्टर एंटी-वीईजीएफ (Anti -VEGF) दवाइयों का इस्तेमाल करने कहेंगे ।
लेज़र उपचार –
लेज़र उपचार में डॉक्टर लेज़र बीम की एक निश्चित वेवलेंथ की मदद से आँखों का इलाज करेंगे। उदाहरण: लेसिक सर्जरी। विट्रेक्टोमी– इस प्रक्रिया में डॉक्टर आँखों में मौजूद एक क्लियर सतह (विटेरस जेल) को हटाते हैं। यह प्रक्रिया रेटिना से जुड़ी बहुत सी समस्याओं का इलाज में लाभदायक है। दिनचर्या में बदलाव:
ब्लड शुगर लेवल एवं ब्लड प्रेशर में नियंत्रण हेतु खानपान में बदलाव
शारीरिक व्यायाम
धूम्रपान समेत अन्य नशीले उत्पादों के सेवन से बचना
डॉक्टर से जांच कराएं
यदि आपको आँखों से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो तुरंत ही डॉक्टर से जांच कराएं। मधुमेह संबंधी नेत्र रोग के लक्षण शुरुआत में नहीं दिखाई देते हैं, जबकि इस बीमारीका आँखों पर गहरा प्रभाव होता है. इसलिए यदि आपको मधुमेह है तो आपको साल में एक बार डॉक्टर से नेत्र परीक्षण जरूर करवाएं।
Embark on the journey to clearer vision
By initiating a consultation with our distinguished team of experts. To schedule your appointment, please reach out to us at +918899116861. We look forward to assisting you on your path to improved vision.